ठाणे की एक विशेष मकोका अदालत ने सोमवार को 2014 के डकैती मामले में छह लोगों को बरी कर दिया।
विशेष न्यायाधीश अमित एम शेटे ने छह लोगों को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे आरोपों को साबित करने में विफल रहा है।
विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे के अनुसार, 2014 में 4-5 जून की मध्यरात्रि में धारदार हथियारों से लैस आठ लोग भिवंडी के राहनाल में एक गोदाम में घुस गए और 53 लाख रुपये का सामान लेकर फरार हो गए।
आठों को बाद में नारपोली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन पर भारतीय दंड संहिता और मकोका प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए।
सुनवाई के दौरान ग्यारह गवाहों से पूछताछ की गई।
आरोपियों की ओर से पेश वकील पूनित महिमकर ने बरामद लूट की विशिष्ट पहचान को चुनौती दी थी।
महिमकर ने कहा कि जिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और दूसरा कोविड-19 महामारी के दौरान रिहा होने के बाद फरार हो गया।