शिलॉन्ग एयरपोर्ट के विस्तार में हो रही देरी को लेकर मेघालय हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और 10 जनवरी, 2026 तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को जमीन सौंप दी जाए। हाईकोर्ट ने पिछली समय सीमा को खारिज कर दिया है, जिसमें जमीन सौंपने की प्रक्रिया जनवरी के अंत तक चलने वाली थी।
राज्य सरकार और AAI द्वारा दाखिल की गई ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट्स’ पर गौर करते हुए, बेंच ने चिंता जताई कि अगर पुरानी समय सीमा (20-31 जनवरी) का पालन किया गया, तो इस अहम प्रोजेक्ट में और अधिक देरी होगी।
अदालत ने री-भोई जिले के डिप्टी कमिश्नर और परिवहन विभाग को आदेश दिया है कि वे 11.75 एकड़ निजी जमीन की सीधी खरीद (direct purchase) की प्रक्रिया पूरी करें और 10 जनवरी, 2026 तक इसे AAI के हवाले करें।
प्रोजेक्ट को पटरी पर लाने के लिए अदालत ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं:
- फंड ट्रांसफर: परिवहन विभाग को आदेश दिया गया है कि वह अगले दो सप्ताह के भीतर डिप्टी कमिश्नर को आवश्यक धनराशि ट्रांसफर करे, ताकि जमीन की खरीद फरोख्त में कोई बाधा न आए। राज्य कैबिनेट ने पहले ही 7.725 एकड़ जमीन की सीधी खरीद को मंजूरी दे दी है।
- रक्षा भूमि का आदान-प्रदान: 10.30 एकड़ रक्षा भूमि (Defence land) के बदले जमीन के आदान-प्रदान के मामले में, कोर्ट ने नोट किया कि डिप्टी कमिश्नर ने रक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर इसके लिए उपयुक्त जमीन की पहचान कर ली है।
- बाधाएं हटाना: अधिकारियों को एयरपोर्ट साइट से बाधाओं (obstacles) को हटाने के लिए चार महीने का समय दिया गया है।
एयरपोर्ट विस्तार का काम इस साल टेंडर प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों के कारण भी प्रभावित हुआ है। AAI ने कोर्ट को बताया कि मार्च 2025 में ‘फेज-1 एयरसाइड कार्यों’ के लिए टेंडर जारी किया गया था, लेकिन सबसे कम बोली लगाने वाले (lowest bidder) द्वारा फर्जी दस्तावेज जमा करने के कारण पूरी प्रक्रिया रद्द करनी पड़ी।
अब स्थिति में सुधार हो रहा है:
- 9 सितंबर, 2025 को एक नया टेंडर जारी किया गया।
- 27 अक्टूबर को बोलियों का तकनीकी मूल्यांकन (technical evaluation) शुरू हुआ, जिसके 31 दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
- इसके बाद वित्तीय बोलियां (financial bids) खोली जाएंगी।
जमीन अधिग्रहण के साथ-साथ AAI नियामकीय मंजूरियों (regulatory approvals) पर भी काम कर रहा है। अदालत को सूचित किया गया कि रनवे विस्तार के लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से डिजाइन और कॉन्सेप्ट की मंजूरी मांगी गई है। कोर्ट ने DGCA से भी आग्रह किया है कि वे इन अनुरोधों पर त्वरित प्रतिक्रिया दें।
इसके अलावा, 7 अक्टूबर को उमरोई एयरपोर्ट पर पर्यावरण मंजूरी (environmental clearance) के लिए जनसुनवाई आयोजित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट अब राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण के पास है।
मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी, 2026 को होगी। हाईकोर्ट ने उम्मीद जताई है कि तब तक AAI ठेकेदार (contractor) का चयन करने की स्थिति में होगा।
इस बीच, रक्षा भूमि के मूल्यांकन से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए री-भोई के डिप्टी कमिश्नर, परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव और उमरोई स्टेशन कमांडर को एक संयुक्त बैठक करने का निर्देश दिया गया है।

