मेघालय हाईकोर्ट ने शिलांग एयरपोर्ट विस्तार की प्रगति की समीक्षा की, 12 अगस्त तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी

मेघालय हाईकोर्ट ने मंगलवार को शिलांग एयरपोर्ट (उमरोई) के विस्तार कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI), राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को 12 अगस्त तक संक्षिप्त कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश आईपी मुखर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जो एयरपोर्ट के विकास से संबंधित है। पिछली सुनवाई 15 मई को हुई थी।

अदालत ने माना कि परियोजना के तहत कुछ प्रारंभिक कार्य शुरू हो चुके हैं, लेकिन इस दिशा में अब भी कई महत्वपूर्ण काम पूरे किए जाने बाकी हैं। पीठ ने कहा, “प्रारंभिक कार्य की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन मुख्य कार्य अभी भी लंबित हैं।”

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सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने राज्य सरकार की ओर से एक नोट प्रस्तुत किया, जिसे अदालत ने शपथपत्र में संलग्न कर 18 जुलाई तक दाखिल करने का निर्देश दिया।

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राज्य सरकार के अनुसार, रनवे-4 को 571 मीटर तक बढ़ाकर कुल लंबाई 2,400 मीटर की जानी है, जिसके लिए कुल 22.05 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इसमें से 10.30 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय से और 11.75 एकड़ निजी ज़मीन मालिकों से ली जानी है।

राज्य कैबिनेट ने 4 जून को निजी भूमि के अधिग्रहण के लिए ₹72.17 करोड़ की मंजूरी दी थी और यह प्रक्रिया जुलाई के अंत तक पूरी होने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल में उमरोई मिलिट्री स्टेशन की 10.30 एकड़ भूमि के उपयोग की मंजूरी दी थी, बशर्ते राज्य सरकार इसके बदले बराबर मूल्य की भूमि मंत्रालय को दे।

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AAI की ओर से पेश उप-सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि भूमि हस्तांतरण और पर्यावरणीय मंजूरी के बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर तुरंत जारी किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि रनवे के मार्ग में आने वाले पेड़-पहाड़ जैसे अवरोधों को हटाना होगा।

अदालत ने कहा कि अब सभी संबंधित प्राधिकरणों — राज्य सरकार, रक्षा मंत्रालय, AAI और DGCA — को तेज़ी से समन्वित कार्रवाई करनी होगी ताकि एयरपोर्ट विस्तार योजना को जल्द से जल्द क्रियान्वित किया जा सके। यह परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र में हवाई संपर्क को सशक्त बनाने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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