मणिपुर हिंसा मामलों में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की सिफारिश

 कई प्रमुख हस्तियों से मिलकर बने एक नागरिक समाज समूह ने मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के सभी मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की सिफारिश की है। इस जांच में सुरक्षा बलों की भूमिका की भी पड़ताल की जाएगी।

यह सिफारिश मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष पर स्वतंत्र जन न्यायाधिकरण ने की है, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ कर रहे हैं। न्यायाधिकरण ने राज्य के कई हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा कर व्यापक रिपोर्ट तैयार की और गंभीर लापरवाही की ओर संकेत किया।

  • सुप्रीम कोर्ट SIT का गठन करे, जिसमें मणिपुर के बाहर के वरिष्ठ स्वतंत्र अधिकारी हों।
  • SIT सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट दे और हर महीने प्रगति रिपोर्ट दाखिल करे।
  • जांच केवल हिंसक घटनाओं तक सीमित न रहकर उन अधिकारियों और सुरक्षा बलों की विफलताओं पर भी केंद्रित हो जिन्होंने समय रहते कार्रवाई नहीं की।
  • दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए जाएं।
READ ALSO  CBI कोर्ट ने खारिज की पार्थ की जमानत याचिका, न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक बढ़ाई

न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषणों और भड़काऊ प्रचार को लेकर दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए, चाहे वे राजनीतिक हस्तियां हों या राज्य के अधिकारी।

पैनल ने विष्णुपुर, चुराचांदपुर, इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, ककचिंग, कांगपोकपी और सेनापति जैसे जिलों में जाकर पीड़ितों और राहत शिविरों में रह रहे विस्थापितों—जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे—की गवाही दर्ज की। इसके अलावा दिल्ली में भी सुनवाई की गई और वर्चुअल माध्यम से भी बयान लिए गए।

न्यायाधिकरण ने राहत कार्य कर रहे संगठनों, समुदाय प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों से भी बातचीत की।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएफआई सदस्यों को जमानत दी

न्यायाधिकरण ने मणिपुर हाई कोर्ट की एक स्थायी पीठ पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित करने की सिफारिश की, ताकि न्याय तक पहुंच आसान हो सके। साथ ही गवाहों को विशेष सुरक्षा देने पर भी जोर दिया गया।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles