हत्या के शिकार व्यक्ति के शरीर को ठिकाने लगाने में शामिल होने के लिए व्यक्ति को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा मिलती है

महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति को एक हत्या पीड़ित के शव को ठिकाने लगाने में शामिल होने के आरोप में पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

सत्र न्यायाधीश डॉ रचना आर तेहरा ने आरोपी कमलेश सुकुमन बंसल को भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करने) के तहत आरोपों का दोषी पाया।

अदालत ने 4 मार्च के एक आदेश में आरोपी को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

इसी मामले में जिन दो अन्य अभियुक्तों पर मुकदमा चलाया गया था, उन्हें भी हत्या के आरोप में दोषी पाया गया और पीड़ित के शरीर का निपटान भी किया गया और न्यायाधीश द्वारा एक अन्य आदेश में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

अतिरिक्त सरकारी वकील ईबी धमाल ने अदालत को बताया कि 4 जुलाई, 2015 को आरोपियों ने पीड़ित कतरीकुमार इंदुशंकर जायसवाल की हत्या कर दी थी और उसके शरीर को टुकड़ों में काटकर प्लास्टिक की थैलियों में पैक कर दिया था, जिसे उन्होंने सीबीडी में एक सार्वजनिक शौचालय के पास कूड़ेदान में फेंक दिया था। नवी मुंबई में रेलवे स्टेशन।

जहां अदालत ने आरोपी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया, वहीं उसे शरीर को ठिकाने लगाने में अन्य आरोपियों की मदद करने का दोषी पाया गया।

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