जयपुर मेट्रो के लिए की जा रही भूमि अवाप्ति की कार्रवाई निरस्त

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर मेट्रो के प्रयोजनार्थ सीतापुरा में मेट्रो कार डिपो के लिए 27 हेक्टेयर भूमि की अवाप्ति की संपूर्ण कार्रवाई को निरस्त कर दिया है। अदालत ने धारा 4 के तहत 26 मई, 2011 को जारी अधिसूचना, 5 जुलाई, 2012 की अधिसूचना और 11 जुलाई को जारी नोटिस को नियमों के विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अवाप्ति प्रक्रिया के दौरान धारा 5ए के जरूरी प्रावधानों की पालना नहीं की गई है।

ऐसे में राज्य सरकार और मेट्रो प्रशासन संबंधित भूमि को लेकर हस्तक्षेप ना करें। जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह आदेश आलोक कोटावाला व अन्य की याचिका पर दिए। अदालत ने कहा कि भूमि अवाप्ति अधिकारी के समक्ष भूमि पर विशाल वृक्षारोपण, डीपीआर तैयार नहीं होने, भूमि पर मोटल निर्मित होने और कुछ भूमि की 90बी की कार्रवाई लंबित रहने सहित करीब 16 आपत्तियां पेश की गई थी, लेकिन उन्होंने 13 आपत्तियों पर विचार तक नहीं किया।

READ ALSO  SC ने UAPA मामले में जमानत की मांग करने वाली उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई 2 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी

याचिका में कहा गया कि भूमि के संबंध में धारा 4 के तहत जारी अधिसूचना विधि विरुद्ध है। वहीं याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। इसके अलावा धारा 5ए के तहत पेश आपत्तियों को भू-अवाप्ति अधिकारी ने तय नहीं किया। वहीं जमीन सतह से छह मीटर नीचे है और मेट्रो कार डिपो बनाने के लिए अव्यवहारिक है। वहीं राज्य सरकार और मेट्रो की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गया था, लेकिन तय सुनवाई के समय वह स्वत: ही अनुपस्थित रहा।

Video thumbnail

एलएओ ने आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही राज्य सरकार को अपनी सिफारिश भेजी। इसलिए अवाप्ति की कार्रवाई उचित है। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भूमि के संबंध में की गई अवाप्ति की सभी कार्रवाई को रद्द कर दिया है।

READ ALSO  बैंक गारंटी भुनाएं, कलानिधि मारन को 270 करोड़ रुपये का भुगतान करें: सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट से कहा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles