इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह भूमि विवाद मामले में सुनवाई को 23 मई 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया। मुस्लिम पक्ष ने संशोधित वादपत्रों पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी।
मुस्लिम पक्ष ने न्यायालय को सूचित किया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं, इसलिए हाईकोर्ट की कार्यवाही को तब तक के लिए टाल दिया जाए जब तक शीर्ष अदालत अपना फैसला नहीं देती।
हिंदू पक्ष ने इस मांग का विरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने अगली सुनवाई की तारीख 23 मई निर्धारित की।

हिंदू पक्ष की ओर से अब तक 18 वाद दाखिल किए गए हैं, जिनमें शाही ईदगाह को हटाकर भूमि पर कब्जा दिए जाने और वहां मंदिर की पुनर्स्थापना की मांग की गई है।
इससे पहले, 1 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें हिंदू श्रद्धालुओं की ओर से दाखिल मुकदमों की वैधता को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि ये मुकदमे सीमा अधिनियम (Limitation Act), वक्फ अधिनियम (Waqf Act) और पूजा स्थलों का विशेष प्रावधान अधिनियम, 1991 (Places of Worship Act, 1991) के तहत प्रतिबंधित नहीं हैं।
इसके अलावा, 23 अक्टूबर 2024 को हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह प्रबंधन समिति द्वारा दाखिल उस याचिका को भी खारिज कर दिया था जिसमें 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। उस आदेश में कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह से संबंधित सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ने का निर्देश दिया था।