बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में, केरल हाईकोर्ट ने पलक्कड़ के अलाथुर पुलिस स्टेशन के पूर्व उप-निरीक्षक रनीश वी.आर. को एक वकील के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए दो महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई। हालांकि, न्यायालय ने अधिकारी के आचरण में सुधार लाने के उद्देश्य से शर्तें निर्धारित करते हुए सजा को एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया।
मामले की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि सजा का निलंबन इस बात पर निर्भर करता है कि रनीश इस तरह के व्यवहार को प्रतिबंधित करने वाले न्यायालय के आदेशों का पालन करते हैं। यदि पूर्व उप-निरीक्षक इस अवधि के दौरान एक साफ रिकॉर्ड बनाए रखता है, तो सजा एक वर्ष के बाद खारिज कर दी जाएगी।
यह मामला श्री रनीश के खिलाफ दायर एक न्यायालय की अवमानना याचिका से उपजा है, जिसमें उन पर हाईकोर्ट के पिछले निर्देश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था, जो पुलिस स्टेशनों में नागरिकों के प्रति अभद्र और अपमानजनक भाषा के प्रयोग पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाता है। अदालत का यह फैसला उस घटना के जवाब में आया है जिसमें अधिकारी ने उस समय एक वकील के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी जो उस समय एक मुवक्किल का प्रतिनिधित्व कर रहा था।
शुरू में, रनीश ने अपने पहले हलफनामे में एक संयमित माफ़ी मांगी, लेकिन बाद में एक दूसरा हलफनामा प्रस्तुत किया जिसमें उसने अपनी गलती को पूरी तरह से स्वीकार किया। उसने बिना शर्त माफ़ी और पश्चाताप व्यक्त किया, भविष्य में पेशेवर व्यवहार और सम्मानजनक आचरण के प्रति प्रतिबद्धता का वादा किया।