केरल हाईकोर्ट ने 2017 के कुख्यात अभिनेत्री हमला मामले में मुख्य आरोपी सुनील एन एस, जिन्हें पल्सर सुनी के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा दो प्रमुख फोरेंसिक गवाहों को वापस बुलाने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति सी जयचंद्रन ने याचिका को “तुच्छ” बताया और कहा कि इसका उद्देश्य मुकदमे में “विलंब” करना है, जिसमें 30 जनवरी, 2020 को शुरू होने के बाद से कई बार विस्तार हुआ है।
याचिका में फोरेंसिक नमूने एकत्र करने वाले डॉक्टर और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के सहायक निदेशक से फिर से पूछताछ करने की मांग की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए सुनी द्वारा अपने वकील को निर्देश देने में असमर्थता ने प्रभावी जिरह में बाधा उत्पन्न की। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि सुनी पूरे मुकदमे के दौरान मौजूद थे और इस धारणा को खारिज कर दिया कि उनके कानूनी प्रतिनिधित्व में पर्याप्त निर्देश की कमी थी, क्योंकि इसमें ईमानदारी की कमी थी।
इस मामले ने मीडिया का खूब ध्यान खींचा है, जिसमें दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग की एक जानी-मानी अभिनेत्री का अपहरण और कथित छेड़छाड़ शामिल है। 17 फरवरी, 2017 की रात को हुआ यह हमला कथित तौर पर अभिनेत्री को ब्लैकमेल करने के लिए किया गया था, जिसमें हमलावरों ने जबरन उनकी कार में प्रवेश किया और हमले की रिकॉर्डिंग की।
वर्तमान में, इस मामले में दस लोग शामिल हैं, जिनमें प्रमुख मलयालम अभिनेता दिलीप भी शामिल हैं, जिन्हें भी गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस मुकदमे की हाई-प्रोफाइल प्रकृति और मनोरंजन उद्योग से जुड़ी हस्तियों की संलिप्तता के कारण इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।