केरल बार काउंसिल ने एक नव नियुक्त वकील को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसने अपने नामांकन के दिन की एक इंस्टाग्राम रील साझा की, जो न्यायपालिका की गरिमा के विपरीत है और पेशेवर आचरण के नियमों का उल्लंघन करती है।
यह रील, जिसे बाद में इंस्टाग्राम से हटा दिया गया, में वकील के नामांकन के दिन के दृश्य दिखाए गए थे। इनमें केरल हाईकोर्ट के एक जज की आधिकारिक गाड़ी का वीडियो भी शामिल था। इस वीडियो में पृष्ठभूमि में संगीत चल रहा था और गाड़ी पर लगा भारतीय ध्वज, अशोक चक्र, “Judge High Court of Kerala” लिखा बोर्ड और वाहन का नंबर प्लेट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे।
नोटिस में कहा गया है कि जज की आधिकारिक गाड़ी को इस प्रकार दिखाना “पूर्वनियोजित, दुर्भावनापूर्ण और न्यायपालिका के प्रति शरारतपूर्ण” है। साथ ही यह भी कहा गया कि यह वीडियो प्रचार और ग्राहक आकर्षित करने का प्रयास है, जो वकालत पेशे की गरिमा के खिलाफ है।

बार काउंसिल ने वकील से कहा है कि वह 15 दिनों के भीतर यह स्पष्ट करें कि उसके विरुद्ध एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 35 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए।