दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी उस समय की गई जब सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई होनी थी। केजरीवाल को इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलनी थी। सीबीआई ने केजरीवाल को तिहाड़ जेल से हिरासत में लिया, जहां वे 2 जून से बंद हैं।
यह नाटकीय घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई से कुछ घंटे पहले हुआ, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट के स्टे को चुनौती दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि ट्रायल जज ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले और सामग्री का ठीक से आकलन नहीं किया है।
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मई में उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी ने केजरीवाल की कानूनी लड़ाई में जटिलता की एक नई परत जोड़ दी है, जो संभावित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले इस गिरफ्तारी का समय दिल्ली के मुख्यमंत्री के मामले के इर्द-गिर्द राजनीतिक और कानूनी नाटक को और तेज करने की संभावना है।