एक महत्वपूर्ण कानूनी राहत में, कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु सिटी पुलिस को भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शिलादित्य बोस के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से रोकने का अंतरिम आदेश जारी किया है। यह निर्देश न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौड़र ने 24 अप्रैल को उस समय दिया, जब इस घटना से जुड़े कानूनी विवाद तेज हो रहे थे।
यह टकराव 21 अप्रैल को सी वी रमण नगर के पास हुआ था, जिसमें विंग कमांडर बोस और एक कॉल सेंटर कर्मचारी विकास कुमार एस जे शामिल थे। मामूली यातायात विवाद ने तेजी से उग्र रूप ले लिया और शारीरिक झड़प में बदल गया, जिसके बाद बोस ने कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई। हालांकि, कुछ ही समय बाद कुमार ने पलटवार करते हुए बोस के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई, जिससे उनके खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज हो गई।
इन परस्पर शिकायतों के बीच, विंग कमांडर बोस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी। इसके जवाब में हाईकोर्ट ने पुलिस को किसी भी दंडात्मक कदम उठाने से रोक दिया है जो कानूनी जांच से पहले बोस की स्थिति को प्रभावित कर सकता है। आदेश में पुलिस को निर्देश दिया गया है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाए बोस को न तो तलब किया जाए और न ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाए, जब तक कि न्यायालय की पूर्व अनुमति प्राप्त न हो।
हालांकि अदालत ने बोस को अंतरिम राहत प्रदान की है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि उन्हें जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा, ताकि प्रक्रिया निष्पक्ष और न्यायसंगत बनी रहे।