गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश समीर जे. दवे ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गुजरात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
सीतलवाड के खिलाफ मामले में गुजरात दंगों की साजिश के मामले में सबूत गढ़ने और झूठी कार्यवाही शुरू करने के आरोप शामिल हैं। गुजरात दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाली उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के एक दिन बाद राज्य पुलिस ने पिछले साल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
अहमदाबाद की एक सिटी सत्र अदालत द्वारा मामले से मुक्ति की अर्जी खारिज किए जाने के बाद सीतलवाड़ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 19 जुलाई को उन्हें नियमित जमानत दी थी।
 
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की टिप्पणियों को “विकृत” और “विरोधाभासी” मानते हुए गुजरात हाईकोर्ट के नियमित जमानत से इनकार करने के आदेश को पलट दिया।


 
                                     
 
        



