जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्रकार माजिद हैदरी की सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया, जिससे सितंबर 2023 से हिरासत में रहे पत्रकार को राहत मिली।
न्यायमूर्ति वी के चटर्जी ने हैदरी के खिलाफ हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया, जिसकी पुष्टि पत्रकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता मोहम्मद यूसुफ भट ने की। हैदरी को पिछले साल जबरन वसूली और मानहानि के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसके कारण उन्हें कोट भलवाल जेल में रखा गया।
अदालत का यह फैसला हैदरी के मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिसने क्षेत्र में पत्रकारों के खिलाफ पीएसए के इस्तेमाल पर बहस छेड़ दी थी। पीएसए, जिसकी अक्सर अपने निवारक निरोध प्रावधानों के लिए आलोचना की जाती है, अधिकारियों को बिना औपचारिक आरोपों के लंबी अवधि के लिए व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
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जबकि हैदरी को राहत मिली, हाईकोर्ट ने एक अलग फैसले में अधिवक्ता मियां अब्दुल कयूम द्वारा पीएसए के तहत खुद की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कयूम को दिसंबर 2023 में अधिवक्ता बाबर कादरी की 2020 में हुई हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। उनकी हिरासत को चुनौती देने के बावजूद, अदालत ने उनके खिलाफ आदेश को बरकरार रखा।