न्यायमूर्ति आनंद सेन की अध्यक्षता में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ‘मैया सम्मान योजना’ के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। मुख्य सचिव अलका तिवारी को योजना से संबंधित क्रियान्वयन और वित्तीय संवितरण का विवरण देते हुए हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिसकी समय सीमा 6 फरवरी को अगली सुनवाई के लिए निर्धारित की गई है।
यह निर्देश रतन देवी की याचिका की सुनवाई के दौरान आया, जिन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार चतरा में जिला पुस्तकालय में उनके दिवंगत पति की नौकरी के लिए उन्हें देय राशि का भुगतान करने में विफल रही है। उनके पति के अवैतनिक अधिकार राज्य द्वारा विभिन्न चुनावी वादों के तहत धन के वितरण के बिल्कुल विपरीत हैं, जिसमें ‘मैया योजना’ भी शामिल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं, विशेष रूप से माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
रतन देवी के कानूनी प्रतिनिधि ने राज्य द्वारा धन आवंटन में विसंगति को उजागर किया तथा बताया कि जबकि याचिकाकर्ता को उसका हक पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं चुनावी वादों से जुड़ी राज्य योजनाओं के तहत नकद प्रोत्साहन के रूप में पर्याप्त मात्रा में धनराशि वितरित की जा रही है।