हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार को विवाह का झांसा देकर दुष्कर्म के एक मामले में उना में तैनात हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HPAS) के एक अधिकारी को अंतरिम गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
न्यायमूर्ति राकेश काईंथला की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब पीड़िता महिला अदालत में पेश हुई और बताया कि उसके और अधिकारी के बीच समझौता हो गया है तथा दोनों ने जल्द ही विवाह करने पर सहमति व्यक्त की है।
अदालत ने अधिकारी को 16 अक्टूबर तक अंतरिम राहत दी और उसे जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होकर पुलिस जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। आरोपी अधिकारी के वकील हिरदय राम ने बताया कि अधिकारी अदालत के निर्देशों के अनुसार जांच में शामिल होंगे।

3 अक्टूबर को महिला ने हाई कोर्ट में समझौता पत्र दाखिल किया था। इसके बाद अदालत ने उसे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया और अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 6 अक्टूबर के लिए निर्धारित की थी।
इससे पहले महिला की शिकायत पर अधिकारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 (छलपूर्वक यौन संबंध) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।