हॉल ही में उत्तर प्रदेश में शासन की कमैटी द्वारा 67 फार्मेसी कालेजों में बी0फार्मा का कोर्स चलाने की अनुमति नहीं दी थी।
क्यों किया था सरकार ने कोर्स चालाने से मना?
शासन ने इस आधार पर कोर्स चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया था, कि एक जिले में 2 से अधिक फार्मेसी संस्था नहीं हो सकती।
साथ ही अगर पिछले वर्ष में 80 प्रतिशत से कम प्रवेश हुए है, तो भी उस जनपद में कोर्स खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
हॉलांकि इन सभी संस्थाओं को बी0फार्मा0 कोर्स संचालित करने के लिए, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इण्डिया ने अनुमति दे रखी है।
हाईकोर्ट ने दी राहत
उत्तर प्रदेश शासन के निर्णय से क्षुब्ध होकर संस्थाओं ने शासन के आदेश को लखनऊ हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याची के वकील रजत राजन सिंह, के अनुसार लखनऊ हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के निर्णय को निरस्त कर दिया है।
लखनऊ हाईकोर्ट ने यह पाया कि फार्मेसी काउंसिल की अनुमति के बाद, सरकार को काउंसिल की शर्तो के विरूद्ध कोई शर्त लगाने का अधिकार नहीं है।
रजत राजन सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने केवल उन्हीं संस्थाओं को बी0फार्मा की काउंसिलिंग में सम्मिलित होने की अनुमति दी है, जिन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है।
इस आदेश से बी0फार्मा विधि के कई छात्र/छात्राओं को प्रवेश लेने का मौका मिलेगा।