मथुरा की एक अदालत ने शुक्रवार को मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटे एक मस्जिद को हटाने की मांग हेतु दायर अपील को स्वीकार किया।
जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर की अदालत ने अपील स्वीकार कर ली है और 18 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई करेंगी।
मथुरा की ही एक सिविल कोर्ट ने पिछले महीने ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए दायर एक वाद को खारिज कर दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि यह कृष्ण जन्मभूमि पर बनाया गया था। यहॉ यह बता दे कि मथुरा को भगवान कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है।
लोगों का एक समूह 17 वीं शताब्दी की शाही ईदगाह मस्जिद पर मथुरा अदालत चला गया था, उनका दावा है कि कटरा केशव देव मंदिर के 13 एकड़ परिसर के भीतर कृष्ण के जन्मस्थान पर बनाया गया था।
सीनियर सिविल जज छाया शर्मा की अदालत में दायरयाचिका में 1968 के फैसले को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शहीद ईदगाह प्रबंधन समिति के बीच एक भूमि सौदे की पुष्टि हुई थी।
यह मुकदमा पिछले महीने बाल देवता भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से मित्र रंजना अग्निहोत्री और सात अन्य के माध्यम से दायर किया गया था। ‘‘मित्र‘‘ एक ऐसे व्यक्ति के लिए कानूनी शब्द है जो किसी ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जो सीधे तौर पर किसी मुकदमे को दायर करने में असमर्थ है।
मामले में बचाव पक्ष उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान है।