इस हफ्ते, एक आदमी को लुधियाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिस पर ये आरोप है कि वो फर्जी हाईकोट जज बन कर परिवार के साथ घूम रहा था।
इस अपराध के लिए अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420 और 186 के तहत आरोपित किया गया है।
मामले के संक्षिप्त तथ्य
आरोपी विकास जैन ने लुधियाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को यह कहते हुए मेसेज भेजा कि वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में सेवारत है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को सूचित किया कि वह एक पारिवारिक समारोह में भाग लेने के लिए लुधियाना आएंगे, जिसके लिए उसे सुरक्षा प्रदान की जाये।
एक पुलिस अधिकारी को समरला चौक पर श्री जैन को प्राप्त करने और सुंदर नगर में उनके पारिवारिक समारोह में जाने का निर्देश दिया गया।
जब श्री जैन अपनी पत्नी और बेटे के साथ महिंद्रा स्कॉर्पियो कार में पहुंचे, तो इंस्पेक्टर ने उन्हें एस्कॉर्ट करने के लिए कहा, जिस पर पुलिस वाले ने जैन से अपना हाईकोट जज का आईडी कार्ड दिखाने के लिए कहा। अपना आईडी कार्ड दिखाने के बजाय, श्री जैन ने पुलिस वाले को धमकी देना शुरू कर दिया और दावा किया कि उन्होंने अपना आईडी कार्ड अपने घर पर छोड़ दिया है।
इंस्पेक्टर को शक हुआ और इसलिए उसने पंजाज और हरियाणा हाईकोर्ट से पता लगाया कि क्या हाईकोर्ट में इस नाम से कोई न्यायधीश है, तो पता चला कि इस नाम से हाईकोर्ट में कोई भी जज नहीं है।
जब श्री जैन का इस तथ्य से सामना हुआ, तो उन्होंने अपनी कहानी बदल दी और इंस्पेक्टर को बताया कि वह उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश थे और गोपनीय बैठक के लिए लुधियाना का दौरा कर रहे थे।
आगे की जांच के बाद, श्री जैन को फर्जी हाईकोर्ट जज बन के घूमने के लिए गिरफ्तार किया गया और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाया गया। उनकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया और जाने दिया गया। शुक्रवार को उसे अदालत में पेश किया गया और उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार, श्री जैन ने यह कामे वीवीआईपी ट्रीटमेंट पाने के लिए किया था।