हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सहायक उपनिरीक्षक (ASI) पंकज शर्मा को जमानत दे दी, जिन्हें हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के पूर्व मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत से जुड़े अहम साक्ष्य से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और 18 मार्च को बिलासपुर ज़िले में मृत पाए गए थे। शुरुआती जांच के दौरान पंकज शर्मा ही वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने नेगी का पेन ड्राइव और कुछ दस्तावेज़ बरामद किए थे, जो अब सीबीआई जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह की एकल पीठ ने शर्मा की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए राहत दी। सुनवाई के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जमानत का विरोध करते हुए दलील दी कि जांच के लिए आरोपी की हिरासत ज़रूरी है।
 
वहीं, शर्मा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जांच में पूरा सहयोग किया है और आगे न्यायिक हिरासत में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शर्मा को जमानत दे दी।
सीबीआई ने 14 सितंबर 2025 को शर्मा को गिरफ्तार किया था, यह आरोप लगाते हुए कि उन्होंने नेगी के पास से बरामद पेन ड्राइव के डाटा को छिपाया या उसमें बदलाव किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया था, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
शर्मा ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां शुक्रवार को उन्हें राहत मिली।
विमल नेगी की मौत की जांच फिलहाल सीबीआई के अधीन जारी है। एजेंसी ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि मामले में किसी आपराधिक साज़िश के सबूत मिले हैं या नहीं।


 
                                     
 
        



