पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ चल रहे मानहानि मामले और निचली अदालत द्वारा जारी समन आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
यह मामला 2020–21 के किसान आंदोलन के दौरान किए गए एक ट्वीट से जुड़ा है, जिसमें कंगना ने एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर के साथ टिप्पणी करते हुए उन्हें शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी “दादी” बिलकिस बानो बता दिया था। इस ट्वीट के खिलाफ 73 वर्षीय महिंदर कौर, निवासी बहादुरगढ़ जांडियां, जिला बठिंडा, पंजाब ने 2021 में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।
महिंदर कौर का आरोप है कि कंगना ने उन्हें गलत पहचान के साथ ट्वीट कर बदनाम किया, जिससे उनकी सामाजिक छवि और आत्म-सम्मान को ठेस पहुंची।

कंगना ने इस शिकायत और 22 फरवरी 2022 को बठिंडा अदालत द्वारा जारी समन आदेश को रद्द करने के लिए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया ने अपने फैसले में कहा, “याचिकाकर्ता एक जानी-मानी हस्ती हैं और उनके ट्वीट में किए गए झूठे और मानहानिक कथनों से प्रतिवादी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इसलिए प्रतिवादी द्वारा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए दायर की गई शिकायत को दुर्भावनापूर्ण नहीं कहा जा सकता।”
अदालत ने यह भी कहा कि बठिंडा के मजिस्ट्रेट ने मामले की सामग्री पर विचार करने के बाद यह पाया कि आईपीसी की धारा 499 के तहत प्रथम दृष्टया अपराध बनता है और तभी समन जारी किया गया।
इस फैसले के बाद कंगना रनौत को अब बठिंडा की अदालत में चल रही कार्यवाही का सामना करना होगा।