पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सोमवार, 17 फरवरी को एडवोकेट हरमीत सिंह ग्रेवाल और दीपिंदर सिंह नलवा ने अपर जज के रूप में शपथ ग्रहण की। यह शपथ ग्रहण समारोह उनके प्रतिष्ठित कानूनी करियर में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन नियुक्तियों को केंद्र सरकार के विधि मंत्रालय द्वारा 12 फरवरी को जारी आधिकारिक अधिसूचना के बाद किया गया। इस अधिसूचना में कहा गया कि भारत के राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद संविधान के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए इनकी नियुक्ति को मंजूरी दी।
ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अक्टूबर 2023 की सिफारिश के बाद हुईं। कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए कुल पांच एडवोकेट्स के नाम सुझाए थे, जिनमें सुमीत गोयल, सुदीप्ति शर्मा, और कीर्ति सिंह के साथ-साथ हरमीत सिंह ग्रेवाल और दीपिंदर सिंह नलवा भी शामिल थे। इनमें से अन्य तीन एडवोकेट्स की नियुक्ति नवंबर 2023 में कर दी गई थी, जबकि ग्रेवाल और नलवा की नियुक्ति अब पूरी हुई है।
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कॉलेजियम के नवंबर 2024 के प्रस्ताव में चयन प्रक्रिया की गंभीरता को रेखांकित किया गया था। इसमें उल्लेख किया गया कि 21 अप्रैल 2023 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर इन एडवोकेट्स को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों की सहमति भी प्राप्त हुई।
हरमीत सिंह ग्रेवाल के लिए, तीन में से दो परामर्शी न्यायाधीशों ने उनकी योग्यता को लेकर सकारात्मक राय दी। वहीं, दीपिंदर सिंह नलवा के मामले में, सभी तीन परामर्शी न्यायाधीशों ने उनकी नियुक्ति को उपयुक्त ठहराया। कॉलेजियम ने यह भी उल्लेख किया कि नलवा का कानूनी अभ्यास व्यापक है और उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी की है, जिनके फैसले प्रकाशित भी हुए हैं।
इन नियुक्तियों के साथ, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 53 हो जाएगी, जबकि यहां स्वीकृत पदों की संख्या 85 है। यह वृद्धि न्यायालय की कार्यक्षमता को बेहतर बनाएगी और लंबित मामलों के निपटारे में मददगार साबित होगी।