एक दुर्लभ और कड़े आदेश में, गुजरात हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया है और उसे दो सप्ताह की सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब वह व्यक्ति वर्चुअल सुनवाई के दौरान टॉयलेट से अशोभनीय तरीके से जुड़ा।
यह घटना Special Civil Application No. 11948 of 2023 – Gujarat State Co-operative Marketing Federation Ltd vs. President Officer & Anr के दौरान हुई। यह मामला न्यायमूर्ति एम.के. ठक्कर की पीठ के समक्ष था, जिन्होंने 5 मार्च को यह आदेश पारित किया।
इस मामले में शामिल व्यक्ति धवलभाई कनुभाई अंबालाल पटेल, जो प्रतिवादी संख्या 2 के 42 वर्षीय पुत्र हैं, 17 फरवरी 2025 को अपने पिता के नाम से वर्चुअल सुनवाई में शामिल हुए। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, वह टॉयलेट से अशिष्ट ढंग से जुड़ते हुए देखे गए, फिर डिस्कनेक्ट हो गए और दो बार दोबारा जुड़े — एक बार तो उन्होंने केस नंबर “CRA 11948/2023” तक का उपयोग किया।

इस घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद कोर्ट ने सोला पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट मांगी ताकि व्यक्ति की पहचान हो सके।
धवलभाई, जो कि Reliance Group में कार्यरत एक B.Sc. स्नातक हैं, बाद में कोर्ट में पेश हुए और अपने वकील श्री अमरेश एन. पटेल के माध्यम से खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह उनका हाईकोर्ट की वर्चुअल प्रणाली का पहला अनुभव था और यह गलती अनजाने में हुई।
हालांकि, न्यायमूर्ति ठक्कर ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा:
“ऐसे व्यक्ति से यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वह ऐप्लिकेशन के संचालन से अनभिज्ञ था। यह अशोभनीय कृत्य न केवल अस्वीकार्य है बल्कि शर्मनाक भी है और इसकी कड़ी निंदा आवश्यक है। यदि अदालतें ऐसे व्यक्तियों के साथ सख्ती से पेश नहीं आएंगी, तो इससे संस्था की गरिमा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।”
कोर्ट ने आदेश दिया कि ₹2,00,000 की राशि दो सप्ताह के भीतर जमा कराई जाए:
- ₹50,000 — Shishugruh Paldi, अहमदाबाद स्थित एक बाल देखभाल केंद्र को
- ₹1,50,000 — Gujarat High Court Legal Aid Services Authority को
इसके अतिरिक्त, धवलभाई पटेल को निर्देश दिया गया है कि वे अगले दो सप्ताह तक प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे Special Officer, Dedicated Cell को रिपोर्ट करें और गुजरात हाईकोर्ट के बगीचों की सफाई करें। यह कार्य विशेष अधिकारी की निगरानी में होगा और उसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी।
मूल दीवानी मामले में याचिकाकर्ता Gujarat State Co-operative Marketing Federation Ltd की ओर से अधिवक्ता श्री आई.जी. जोशी ने पक्ष रखा।