पिछले साल मोरबी सस्पेंशन ब्रिज गिरने से जुड़े मामले में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल के खिलाफ यहां की एक अदालत में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी।
पटेल के वकील हरेश मेहता ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एम जे खान की अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया।
इसके बाद, पटेल के मामले को उनके और नौ अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमे के लिए शुक्रवार को सत्र अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।
अधिवक्ता मेहता ने कहा, “मामले की सुनवाई अब 17 मार्च से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जोशी की अदालत में होगी।”
एक विशेष जांच दल ने 27 जनवरी को मामले में पहले गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। पटेल को तब भगोड़े के रूप में दिखाया गया था। बाद में उसने एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और 31 जनवरी को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
उन पर और अन्य पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (हत्या की श्रेणी में नहीं आने वाली गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 336 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाला कार्य), 337 (ऐसा करके किसी भी व्यक्ति को चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। कोई उतावलापन या लापरवाहीपूर्ण कार्य) और 338 (उतावलेपन या लापरवाही से किए गए कार्य से गंभीर चोट पहुंचाना)।
अंतरिम जमानत के लिए पटेल की याचिका हाल ही में एक अदालत ने खारिज कर दी थी।
30 अक्टूबर, 2022 को मोरबी शहर में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल का सस्पेंशन ब्रिज ढह गया, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई और 56 अन्य घायल हो गए।
पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप ने ली थी।