गोवा के अरपोरा गांव स्थित मशहूर नाइटक्लब ‘Birch by Romeo Lane’ में 7 दिसंबर को लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत के बाद, इस घटना की अदालत-निगरानी में जांच की मांग करते हुए एक जनहित याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच में दायर की गई है।
यह PIL सामाजिक कार्यकर्ता ऐश्वर्या सालगांवकर द्वारा दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नाइटक्लब बिना वैध निर्माण लाइसेंस के संचालित हो रहा था और कई विध्वंस आदेशों के बावजूद खुला रहा।
याचिका में कहा गया है कि यह त्रासदी नगरपालिका, पंचायत और जिला प्रशासन की उस प्रणालीगत विफलता का परिणाम है, जिसने सुरक्षा नियमों के पालन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।
PIL में यह भी उल्लेख है कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्वयं स्वीकार किया है कि नाइटक्लब फायर सेफ्टी मानकों का पालन नहीं कर रहा था, प्रवेश और निकास द्वार अत्यधिक संकरे थे और उचित वेंटिलेशन नहीं था, जिस कारण अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
याचिका में इसे “ऐसे बुनियादी वैधानिक प्रावधानों को लागू करने में चौंकाने वाली विफलता” बताया गया है, जिनका उद्देश्य जनता की जान की रक्षा करना है।
याचिका में उच्च न्यायालय से आग्रह किया गया है कि:
- इस घटना की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) गठित किया जाए।
- इस आग की परिस्थितियों की जांच के लिए सेवानिवृत्त हाईकोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग बनाया जाए।
- गोवा सरकार को राज्यभर में सभी नाइटक्लब, रेस्टोरेंट, होटल, बार और बीच शैक्स का व्यापक फायर सेफ्टी ऑडिट कराने का आदेश दिया जाए।
- बिना लाइसेंस या फायर-सेफ्टी मंजूरी के चल रही संरचनाओं को ध्वस्त करने का निर्देश दिया जाए।
मामले का उल्लेख मंगलवार को न्यायमूर्ति सरंग कोतवाल और न्यायमूर्ति आशीष चव्हाण की पीठ के समक्ष किया गया। अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई 16 दिसंबर को सूचीबद्ध की जाएगी।
7 दिसंबर को ‘Birch by Romeo Lane’ में लगी आग ने इस लोकप्रिय पार्टी स्थल को एक मौत के जाल में बदल दिया था, जिसमें कर्मचारियों और कुछ पर्यटकों सहित 25 लोग मारे गए थे। इस घटना ने गोवा में नाइटलाइफ स्थलों की सुरक्षा और नियमन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

