एक महत्वपूर्ण फैसले में, दिल्ली हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद साकेत गोखले को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी को मानहानि के लिए हर्जाने के रूप में ₹50 लाख देने का आदेश दिया है। यह फैसला लक्ष्मी पुरी द्वारा गोखले के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपमानजनक बयान देने के लिए दायर मानहानि के मुकदमे के जवाब में आया है।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि आदेश का आठ सप्ताह में पालन किया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि गोखले के ट्विटर हैंडल पर माफी कम से कम छह महीने तक रहनी चाहिए।
पृष्ठभूमि
यह मामला गोखले द्वारा किए गए ट्वीट और सार्वजनिक बयानों की एक श्रृंखला से उपजा है, जिसके बारे में लक्ष्मी पुरी ने दावा किया था कि वे झूठे और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले थे। कथित तौर पर ये बयान उनके वित्तीय लेन-देन और सार्वजनिक आचरण से संबंधित थे, जिससे काफी परेशानी और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तियों की ईमानदारी और गरिमा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। अदालत ने पाया कि गोखले के बयान निराधार हैं और पुरी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से दिए गए हैं।
“प्रतिवादी न केवल अपने दावों को विश्वसनीय साक्ष्यों के साथ साबित करने में विफल रहा है, बल्कि उसने सच्चाई के प्रति लापरवाही भी दिखाई है,” न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा। “इस तरह का आचरण अस्वीकार्य है, खासकर एक सार्वजनिक व्यक्ति से।”
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माफ़ी मांगने का आदेश
वित्तीय दंड के अलावा, अदालत ने गोखले को सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने का आदेश दिया है। यह माफ़ी टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार में प्रकाशित होनी चाहिए और उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की जानी चाहिए। अदालत ने निर्दिष्ट किया कि माफ़ी को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह व्यापक दर्शकों तक पहुँचे, जिससे मानहानिकारक बयानों से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिले।