दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉ. रेड्डीज़ लेबोरेट्रीज़ लिमिटेड की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसके तहत फलों पर आधारित, गैर-कार्बोनेटेड और रेडी-टू-ड्रिंक पेयों पर ‘ORS’ शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई गई थी।
न्यायमूर्ति सच्चिन दत्ता ने 31 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि एफएसएसएआई द्वारा उठाए गए कदम “गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य विचारों से प्रेरित” हैं और यह पूरे खाद्य उद्योग पर लागू नियामक उपाय हैं।
अदालत ने कहा, “इस न्यायालय को इन आदेशों में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं दिखती, विशेष रूप से उस स्थिति में जब तथाकथित ‘ORS’ उत्पादों का सेवन वास्तविक चिकित्सा आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक और प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणाम उत्पन्न कर सकता है।”
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि एफएसएसएआई के आदेश वैध सार्वजनिक स्वास्थ्य और नियामक चिंताओं पर आधारित हैं, और न्यायालय को विशेषज्ञ नीति मामलों में अपीलीय प्राधिकारी की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह न्यायालय सार्वजनिक स्वास्थ्य विचारों पर आधारित एफएसएसएआई के उपायों की समीक्षा के रूप में बैठना उचित नहीं समझता।”
डॉ. रेड्डीज़ लेबोरेट्रीज़, जो Rebalanz VITORS नाम से पेय बेचती है, ने एफएसएसएआई के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें ‘ORS’ शब्द के प्रयोग को केवल मानक चिकित्सा संरचना वाले उत्पादों तक सीमित किया गया है।
सुनवाई के दौरान कंपनी के वकील ने अदालत को बताया कि कंपनी ने पहले ही नए स्टॉक का उत्पादन बंद कर दिया है और वह मौजूदा भंडार को री-लेबल या री-ब्रांड करने के लिए तैयार है। साथ ही उसने यह भी अनुरोध किया कि पहले से सप्लाई चैन में मौजूद स्टॉक को बेचने की अनुमति दी जाए ताकि भारी आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।
हालांकि, अदालत ने इस संबंध में कोई राहत देने से इनकार किया, लेकिन कंपनी को यह छूट दी कि वह इस मुद्दे पर एफएसएसएआई के समक्ष एक प्रतिवेदन दायर कर सकती है। अदालत ने निर्देश दिया, “एफएसएसएआई उस प्रतिवेदन पर कारणसहित आदेश पारित करे और सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए एक सप्ताह के भीतर निर्णय ले।”
एफएसएसएआई ने 14 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर सभी पूर्व अनुमति वापस ले ली थी, जिसके तहत खाद्य या पेय कंपनियां अपने उत्पाद नाम या ब्रांडिंग में ‘ORS’ शब्द का प्रयोग कर सकती थीं। नियामक ने पाया था कि कई कंपनियां शर्करा या इलेक्ट्रोलाइट पेयों को ‘ORS’ के रूप में प्रचारित कर उपभोक्ताओं, खासकर बच्चों, को भ्रमित कर रही थीं, जो खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का उल्लंघन है।
‘ORS’ यानी Oral Rehydration Solution एक चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत फॉर्मूलेशन है, जिसे निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) से पीड़ित लोगों को दिया जाता है।
अदालत का यह फैसला एफएसएसएआई के उस रुख को समर्थन देता है कि ‘ORS’ शब्द केवल चिकित्सा मानकों के अनुरूप दवाओं के लिए ही आरक्षित रहना चाहिए और इसे व्यावसायिक पेयों की ब्रांडिंग में उपयोग नहीं किया जा सकता।




