दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को राजनीतिक विश्लेषक अभिजीत अय्यर मित्रा को महिला पत्रकारों के खिलाफ अपमानजनक और मानहानिपूर्ण सोशल मीडिया पोस्ट करने के लिए कड़ी फटकार लगाई और आदेश दिया कि वे सभी आपत्तिजनक पोस्ट पांच घंटे के भीतर हटाएं।
न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने सुनवाई के दौरान मित्रा के वकील से कहा, “ऐसी भाषा और शब्द सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हैं। पहले आप पोस्ट हटाइए, फिर हम आपकी बात सुनेंगे।”
यह मामला न्यूज़लॉन्ड्री से जुड़ी नौ महिला पत्रकारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया। याचिकाकर्ताओं ने मित्रा के खिलाफ ₹2 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रकाशित उनके “झूठे, दुर्भावनापूर्ण, आधारहीन और मानहानिपूर्ण” बयानों पर स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि मित्रा ने महिला पत्रकारों के साथ-साथ उनके मीडिया संगठन के खिलाफ भी “अपमानजनक शब्दों और टिप्पणियों” का प्रयोग किया।
मित्रा के वकील ने अदालत में स्वीकार किया कि पोस्ट में प्रयुक्त शब्द उचित नहीं थे और उन्होंने अदालत के निर्देशानुसार पोस्ट हटाने पर सहमति जताई।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई को तय की है।