दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी चार लोगों की न्यायिक हिरासत 7 दिसंबर तक बढ़ा दी। आरोपियों में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक और एक चीनी नागरिक शामिल हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जंगाला ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया।
गिरफ्तार किए गए चार लोग हैं लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग और चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक।
राय की ओर से पेश वकील नितेश राणा ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने के ईडी के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि यह “यंत्रवत् और स्वचालित रूप से” नहीं किया जा सकता है।
राणा ने अदालत को बताया, “न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए कोई नई सामग्री नहीं है, हिरासत की मांग करने वाला आवेदन यांत्रिक है और हरिओम राय के खिलाफ असहयोग का कोई आरोप नहीं है।”
एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में कंपनी और उससे जुड़े लोगों पर छापा मारा था और दावा किया था कि उसने “चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट” का भंडाफोड़ किया है।
ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों का भुगतान करने से बचने के लिए वीवो द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी रकम “अवैध रूप से” चीन को हस्तांतरित की गई थी।