प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को चीनी स्मार्ट फोन निर्माता वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चार लोगों की हिरासत 10 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की, जिसमें लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक और एक चीनी नागरिक भी शामिल हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जंगाला ने 10 अक्टूबर को आरोपी को तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
चारों आरोपियों- लावा इंटरनेशनल कंपनी के एमडी हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग और चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक को उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने पर शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष ने उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग की ताकि उनसे आगे की पूछताछ की जा सके। इसमें कहा गया कि उनका 13 गवाहों से आमना-सामना कराया जाना था और कई उपकरणों से डिजिटल डेटा निकालना था।
बचाव पक्ष के वकील ने एजेंसी की याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि ईडी “प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन” कर रहा है।
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उम्मीद है कि अदालत जल्द ही हिरासत बढ़ाने के ईडी के आवेदन पर आदेश पारित करेगी।
चारों आरोपियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया।
एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में कंपनी और उससे जुड़े व्यक्तियों पर छापा मारा था, जिसमें चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया गया था।
ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी रकम “अवैध रूप से” चीन को हस्तांतरित की गई थी।