भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण आर. गवई 26 मई को अपनी पहली कॉलेजियम बैठक की अध्यक्षता करने जा रहे हैं। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट में तीन महत्वपूर्ण रिक्तियों को भरने के साथ-साथ कई उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों की नियुक्तियों पर विचार किया जाएगा।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में दो पद खाली हैं, और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की 24 मई को सेवानिवृत्ति के बाद यह संख्या घटकर 31 रह जाएगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृत क्षमता 34 न्यायाधीशों की है। पांच सदस्यीय कॉलेजियम — जिसमें सीजेआई गवई के साथ न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना शामिल हैं — 100 वरिष्ठ हाई कोर्ट न्यायाधीशों की सूची से तीन योग्य नामों पर विचार करेगा।
सूत्रों के अनुसार, कॉलेजियम दिल्ली और बॉम्बे हाई कोर्ट से संभावित नामों पर गंभीरता से विचार कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व संतुलित हो सके। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट का केवल एक प्रतिनिधित्व है, और न्यायमूर्ति ओका की सेवानिवृत्ति के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट का प्रतिनिधित्व घटकर दो न्यायाधीशों तक सीमित रह जाएगा।
कॉलेजियम महिला न्यायाधीश की नियुक्ति पर भी विचार कर सकता है, क्योंकि वर्तमान में केवल न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट में महिला न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी 9 जून को सेवानिवृत्त होने जा रही हैं और उनका अंतिम कार्य दिवस 16 मई था। जिन महिला न्यायाधीशों के नाम चर्चा में हैं उनमें सुनीता अग्रवाल (इलाहाबाद हाई कोर्ट), लिसा गिल (पंजाब एवं हरियाणा), रेवती मोहिते देरे (बॉम्बे), और अनु शिवरामन (कर्नाटक) शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट की नियुक्तियों के अलावा कॉलेजियम पटना, तेलंगाना और मध्य प्रदेश हाई कोर्टों में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्तियों पर भी विचार करेगा। पटना और तेलंगाना में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि मध्य प्रदेश में यह पद 23 मई को रिक्त हो जाएगा।
इसके अलावा, न्यायिक स्थानांतरण और कुछ न्यायाधीशों के अपने मूल हाई कोर्ट में प्रत्यावर्तन के अनुरोधों पर भी चर्चा की जाएगी। इन स्थानांतरणों को “न्यायिक प्रशासन के हित” में माना जाता है।
सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका में लंबित पदों को भरना और इसकी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।
इस बैठक का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर न्यायिक नियुक्तियों की पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक की है, जिसमें हाई कोर्ट कॉलेजियम, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की भूमिका भी शामिल है।
1 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक और ऐतिहासिक निर्णय में न्यायाधीशों की संपत्ति विवरण सार्वजनिक करने की घोषणा की थी। अब तक प्राप्त विवरण वेबसाइट पर अपलोड किए जा चुके हैं और शेष को भी समयानुसार अपलोड किया जाएगा।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 9 नवंबर 2022 से 5 मई 2025 के बीच की गई सभी नियुक्तियों का विस्तृत डेटा भी अब वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें नियुक्त न्यायाधीशों के नाम, उनके हाई कोर्ट, वे बार से आए हैं या न्यायिक सेवा से, सिफारिश और नियुक्ति की तिथि, और जाति, लिंग, अल्पसंख्यक स्थिति जैसी जनसांख्यिकीय जानकारी शामिल है।