भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय ने गुरुवार को सात हाईकोर्ट जजों के तबादले को लेकर अधिसूचना जारी की। यह तबादले संविधान के अनुच्छेद 222(1) के तहत राष्ट्रपति द्वारा, भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, अनुमोदित किए गए हैं।
मंत्रालय की वेबसाइट पर 1 मई 2025 को प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार जिन जजों के तबादले किए गए हैं, उनमें कर्नाटक हाईकोर्ट से चार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट से दो-दो जज शामिल हैं:
- जस्टिस हेमंत चंदनगौदर, कर्नाटक हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं।
- जस्टिस एन.एस.एस. गौड़ा, कर्नाटक हाईकोर्ट से गुजरात हाईकोर्ट भेजे गए हैं।
- जस्टिस कृष्णन नटराजन, कर्नाटक हाईकोर्ट से केरल हाईकोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं।
- जस्टिस दीक्षित कृष्ण श्रीपद, कर्नाटक हाईकोर्ट से ओडिशा हाईकोर्ट भेजे गए हैं।
इनके अतिरिक्त तीन अन्य जजों के तबादले भी किए गए हैं:

- जस्टिस के. मन्मध राव, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं।
- जस्टिस पी. श्री सुदा, तेलंगाना हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट भेजी गई हैं।
- जस्टिस कासोजू सुरेंद्र उर्फ के. सुरेंद्र, तेलंगाना हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं।
ये सभी तबादले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 15 और 19 अप्रैल 2025 को आयोजित बैठकों में की गई सिफारिशों के आधार पर किए गए हैं। कॉलेजियम देशभर के हाईकोर्टों की प्रशासनिक जरूरतों और कार्यदक्षता को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर ऐसे प्रस्ताव देता है।
यह निर्णय न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाने और न्यायिक संसाधनों के समान वितरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विधि मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सभी स्थानांतरित जज शीघ्र ही अपने-अपने नए हाईकोर्ट में कार्यभार ग्रहण करेंगे।