छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 7 अगस्त 2025 को आयोजित फुल कोर्ट बैठक में तीन अधिवक्ताओं—श्री अशोक कुमार वर्मा, श्री मनोज विश्वनाथ परांजपे और श्री सुनील ओटवानी—को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया है। इस निर्णय को रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में यह नामांकन अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 16 और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (वरिष्ठ अधिवक्ता नामांकन) नियम, 2018 के नियम 7 के तहत की गई शक्तियों के अंतर्गत किया गया है। यह प्रक्रिया भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 12 अक्टूबर 2017 को सुश्री इंदिरा जयसिंह बनाम भारत के सर्वोच्च न्यायालय (सचिव जनरल एवं अन्य) मामले में दिए गए निर्णय में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप है।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने वरिष्ठ अधिवक्ता के नामांकन के लिए एक अधिक पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ ढांचा स्थापित किया था, जिसमें एक स्थायी समिति का गठन और मूल्यांकन के लिए विशेष मानदंड तय किए गए थे।

अधिसूचना संख्या 15708/SCDSA/2025 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “फुल कोर्ट की 07/08/2025 की स्वीकृति के अनुसार निम्नलिखित अधिवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया जाता है।”
नव-नामित वरिष्ठ अधिवक्ता इस प्रकार हैं—
- श्री अशोक कुमार वर्मा
- श्री मनोज विश्वनाथ परांजपे
- श्री सुनील ओटवानी