अर्जेंटीना के फुटबॉल दिग्गज लियोनेल मेस्सी के प्रमोशनल कार्यक्रम के दौरान साल्ट लेक स्टेडियम में हुई दर्शकों की हिंसक तोड़फोड़ का मामला सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट तक पहुंच गया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल ने इस घटना से जुड़ी तीन अलग-अलग जनहित याचिकाएं (PIL) दाखिल करने की अनुमति दी।
इन याचिकाओं में स्टेडियम हिंसा की जांच राज्य एजेंसियों से हटाकर केंद्रीय एजेंसियों—केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO)—को सौंपने की मांग की गई है।
ये याचिकाएं राज्य के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और अधिवक्ता सब्यसाची चट्टोपाध्याय तथा मैनाक घोषाल द्वारा अलग-अलग दायर की गई हैं। अदालत ने संकेत दिया कि इन सभी याचिकाओं पर इस सप्ताह एक साथ सुनवाई की जा सकती है।
सुवेंदु अधिकारी की ओर से पेश अधिवक्ता बिल्वदल भट्टाचार्य ने अदालत से अनुरोध किया कि शनिवार को हुई भारी भीड़ की अव्यवस्था और हिंसा के पीछे के कारणों की न्यायिक जांच कराई जाए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की वैधता पर भी सवाल उठाए, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आशीम कुमार राय कर रहे हैं।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि इस घटना से पूरी दुनिया में पश्चिम बंगाल की छवि को नुकसान पहुंचा है, क्योंकि मेस्सी की यात्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक कवरेज मिली थी।
अन्य दो याचिकाओं में दावा किया गया कि राज्य सरकार की ओर से गठित समिति जल्दबाजी में बनाई गई। इनमें टिकटों की बिक्री में संभावित वित्तीय अनियमितताओं और आयोजन से जुड़े संदिग्ध लेन-देन की स्वतंत्र जांच की भी मांग की गई है।
इस बीच, मामले की जांच कर रही बिधाननगर पुलिस ने टिकटों की बिक्री और वितरण से जुड़ी संस्था के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है। पुलिस ने आयोजन के मुख्य आयोजक शतद्रु दत्ता, जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है, और संबंधित संस्था के बीच सभी वित्तीय लेन-देन पर भी रोक लगा दी है।
राज्य सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आशीम कुमार राय कर रहे हैं और जिसमें मुख्य सचिव व गृह सचिव भी सदस्य हैं, ने रविवार को क्षतिग्रस्त स्टेडियम का दौरा किया। समिति ने मीडिया को बताया कि वह अगले पखवाड़े के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के कुछ ही घंटों के भीतर इस समिति के गठन की घोषणा करते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य जिम्मेदारी तय करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाना है।
आधिकारिक आकलन के अनुसार, दर्शकों की उग्र प्रतिक्रिया और तोड़फोड़ के कारण स्टेडियम को ₹2 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। बताया गया है कि मेस्सी की संक्षिप्त और कड़ी सुरक्षा घेरे में हुई मौजूदगी—जो 2011 के बाद इस स्थल पर उनकी पहली उपस्थिति थी—से बड़ी संख्या में दर्शक निराश हो गए। दूर-दराज से आए कई प्रशंसक, जिन्होंने महंगे टिकट खरीदे थे, अपने पसंदीदा खिलाड़ी की एक झलक तक नहीं देख पाए, जिसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई।

