कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक परेश पॉल और दो अन्य नेताओं को 2021 विधानसभा चुनाव के बाद हुई कथित चुनाव-उपरांत हिंसा में बीजेपी समर्थक अभिजीत सरकार की हत्या से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत दे दी। यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में है।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने आदेश दिया कि गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ताओं को एक-एक लाख रुपये के मुचलके और दो जमानतदारों के साथ रिहा किया जाएगा, जिनमें से एक स्थानीय होना आवश्यक है।
अदालत ने शर्त लगाई कि आरोपी गवाहों को धमकाएंगे नहीं और तब तक उस गली में प्रवेश नहीं करेंगे जहां मृतक अभिजीत सरकार की मां और भाई रहते हैं। साथ ही, विधायक पॉल को विशेष रूप से यह निर्देश दिया गया कि वह कोई भड़काऊ भाषण न दें, खासकर मृतक के परिजनों के संदर्भ में।

याचिकाकर्ताओं को देश से बाहर जाने पर भी रोक लगाई गई है और उन्हें सुनवाई की तारीखों पर अदालत में उपस्थित रहना होगा।
अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि सीबीआई के पास आरोपियों के खिलाफ अधिकांश साक्ष्य पहली पूरक आरोप पत्र दाखिल करते समय ही मौजूद थे, लेकिन तब एजेंसी ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया। दूसरा पूरक आरोप पत्र लगभग चार साल बाद दाखिल किया गया, जबकि इस दौरान आरोपियों ने जांच में सहयोग किया।