केंद्र सरकार ने तीन अधिवक्ताओं—श्री अजीत भगवानराव कडेटंकार, श्री सुशील मनोहर घोडेस्वर और सुश्री आरती अरुण साठे—को बॉम्बे हाईकोर्ट का अपर जज नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है। विधि और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने यह अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद जारी की।
नियुक्ति की पृष्ठभूमि
ये नियुक्तियां भारत के संविधान के अनुच्छेद 224(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए की गई हैं। इस प्रक्रिया के तहत संबंधित हाईकोर्ट का कोलेजियम नामों की सिफारिश करता है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम समीक्षा और अनुमोदन के बाद केंद्र सरकार को भेजता है। इसके बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने पर अधिसूचना जारी की जाती है। इन तीनों अधिवक्ताओं की पदोन्नति इसी संवैधानिक प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद की गई है।
नियुक्त अधिवक्ता
- श्री अजीत भगवानराव कडेटंकार
- श्री सुशील मनोहर घोडेस्वर
- सुश्री आरती अरुण साठे
संविधान का अनुच्छेद 224(1) राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि यदि किसी हाईकोर्ट में कार्य का बोझ अस्थायी रूप से बढ़ जाए या लंबित मामलों की संख्या अधिक हो, तो वे किसी योग्य व्यक्ति को अधिकतम दो वर्षों की अवधि के लिए अपर जज नियुक्त कर सकते हैं।

अधिसूचना के अनुसार, इन तीनों अधिवक्ताओं को उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से दो वर्ष की अवधि के लिए अपर जज के रूप में नियुक्त किया गया है।