एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी बेदखली आदेश पर रोक लगाकर बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति, व्यवसायी राज कुंद्रा को अंतरिम राहत प्रदान की है। दंपति ने ईडी के नोटिस के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें क्रिप्टोकरेंसी पोंजी स्कीम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जोड़ा गया था।
27 सितंबर को जारी बेदखली नोटिस में मांग की गई थी कि शेट्टी और कुंद्रा 13 अक्टूबर तक जुहू और पावना लेक में अपनी संपत्तियां खाली कर दें। हालांकि, अदालत के फैसले ने अब इन कार्यवाही को रोक दिया है, जिससे दंपति को दिल्ली में अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील करने का समय मिल गया है।
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के कानूनी सलाहकार प्रशांत पाटिल ने 2017 में हुए कथित पोंजी घोटाले में उनकी गैर-संलिप्तता पर जोर दिया। पाटिल ने कहा, “श्री राज कुंद्रा और श्रीमती शिल्पा शेट्टी कुंद्रा का कथित क्रिप्टोकरेंसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी संलिप्तता का दावा गलत है।”*
ईडी के मुंबई जोनल ऑफिस ने पहले धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत राज कुंद्रा से संबंधित 97.79 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था। ईडी की जांच महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस द्वारा मेसर्स वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड और दिवंगत अमित भारद्वाज सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई कई एफआईआर से शुरू हुई थी। आरोपियों ने 2017 में बिटकॉइन स्कीम के जरिए 10 प्रतिशत मासिक रिटर्न का वादा करके निवेशकों से लगभग 6,600 करोड़ रुपये ठगे थे।*