बॉम्बे हाईकोर्ट ने लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के ट्रस्टी द्वारा दायर मानहानि की शिकायत पर एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ सशिधर जगदीशन के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी नोटिस को रद्द कर दिया है।
शिकायत और निचली अदालत का आदेश
यह शिकायत ट्रस्ट के स्थायी ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने दर्ज कराई थी, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की मानहानि संबंधी धाराओं के तहत जगदीशन के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की गई थी। जून 2024 में गिरगांव की मजिस्ट्रेट अदालत ने जगदीशन को नोटिस जारी किया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए जगदीशन हाईकोर्ट पहुंचे।
हाईकोर्ट की दलीलें
जस्टिस एस. एम. मोडक की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 5 अगस्त को दिए आदेश (जो सोमवार को सार्वजनिक हुआ) में कहा कि मजिस्ट्रेट ने शिकायतकर्ता और गवाहों का सत्यापन रिकॉर्ड किए बिना ही जल्दबाजी में नोटिस जारी कर दिया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून के तहत आरोपी को सुनने से पहले शिकायतकर्ता और गवाहों का सत्यापन आवश्यक है।
“सत्यापन दर्ज करने का एक उद्देश्य होता है। यह मजिस्ट्रेट को यह तय करने का अवसर देता है कि आगे बढ़ना है या नहीं,” अदालत ने कहा।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द कर दिया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि मजिस्ट्रेट कानून के अनुसार शिकायत की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकते हैं। अदालत ने निर्देश दिया कि किसी भी आगे की कार्रवाई से पहले शिकायतकर्ता और गवाहों का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए।