बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की जमानत याचिका के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। वाजे वर्तमान में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले से संबंधित अपनी हिरासत को चुनौती दे रहे हैं।
दो साल से बिना चार्जशीट दाखिल किए जेल में बंद वाजे ने तर्क दिया कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत उन्हें डिफ़ॉल्ट जमानत मिलनी चाहिए। उनकी कानूनी चुनौती में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 306(4)(बी) की संवैधानिकता पर सवाल उठाना भी शामिल है। इस धारा के तहत किसी मामले में क्षमादान पाने वाले व्यक्ति को मुकदमा समाप्त होने तक हिरासत में रहना चाहिए, वाजे की कानूनी टीम का तर्क है कि यह शर्त उन्हें आम तौर पर एक आरोपी और एक गवाह दोनों को दिए जाने वाले अधिकारों से वंचित करती है।
जमानत याचिका न्यायमूर्ति एन आर बोरकर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरसन की अवकाश पीठ के समक्ष पेश की गई। वाजे के कानूनी प्रतिनिधि, जिसमें अधिवक्ता आबाद पोंडा, सजल यादव और रौनक नाइक शामिल थे, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वाजे ने तलोजा सेंट्रल जेल से हाथ से अपनी याचिका तैयार की थी। उन्होंने अनुरोध किया कि याचिका पर हाईकोर्ट की अवकाश अवधि के बाद सुनवाई की जाए, जिसके बाद न्यायाधीशों ने अभियोजन पक्ष को नोटिस जारी किया।