बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने मंगलवार को महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) को निर्देश दिया कि सभी स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना अब 3 दिसंबर के बजाय 21 दिसंबर को की जाए। अदालत ने 20 दिसंबर तक एग्जिट पोल जारी करने पर भी रोक लगा दी है।
यह आदेश उस दिन आया जब राज्य के 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान चल रहा था। इसी दौरान SEC ने 24 स्थानीय निकायों में पाई गई अनियमितताओं के कारण वहां की चुनाव प्रक्रिया को 20 दिसंबर तक के लिए पहले ही स्थगित कर दिया था।
अदालत SEC के 29 नवंबर को जारी संशोधित कार्यक्रम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें से एक याचिका चंद्रपुर नगर परिषद के एक डिविजन में मतदान को 20 दिसंबर तक टालने के फैसले को चुनौती दे रही थी, जबकि बाकी 26 वार्डों में मतदान और परिणाम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार करने की अनुमति दी गई थी।
याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता सचिन चुटे ने दलील दी कि परिणाम अलग-अलग तारीखों पर घोषित करना चुनावी निष्पक्षता के खिलाफ है। उनके वकील यश कुल्लरवार ने अदालत के सामने कहा कि “परिणाम एक ही दिन घोषित होने चाहिए, न कि टुकड़ों में या अलग-अलग तारीखों पर।”
एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदोस मिर्ज़ा ने बताया कि हाईकोर्ट ने अब सभी स्थानीय निकायों की मतगणना 21 दिसंबर को कराने का निर्देश दिया है, ताकि किसी तरह की विसंगति न रहे।
SEC ने अदालत को बताया कि 24 निकायों में चुनाव स्थगित करने का कारण जिला अदालतों से 22 नवंबर के बाद आए निर्णय हैं, जिसकी वजह से कई उम्मीदवारों को महाराष्ट्र म्युनिसिपैलिटीज़ इलेक्शन रूल्स, 1966 के नियम 17(1)(b) के तहत नामांकन वापस लेने के लिए अनिवार्य तीन दिन का समय नहीं मिल पाया। ऐसे मामलों में 26 नवंबर या उसके बाद रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा चुनाव चिह्न आवंटित करना अवैध माना गया।
इन परिस्थितियों को देखते हुए SEC ने प्रभावित निकायों में मौजूदा चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाई और नए कार्यक्रम जारी किए।
इन संशोधित कार्यक्रमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।

