नागपुर में सी20 बैठक में निजी निकाय के शामिल होने के खिलाफ याचिका खारिज

बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें भारत की जी20 अध्यक्षता के हिस्से के रूप में होने वाली सी20 स्थापना बैठक रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी ट्रस्ट की भागीदारी के बिना आयोजित की जानी चाहिए।

जनार्दन मून द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि यहां 20 से 22 मार्च के बीच होने वाली बैठक में करदाताओं का पैसा शामिल है और आरोप लगाया गया है कि निजी निकाय को विज्ञापन या निविदा जारी किए बिना जिम्मेदारी दी गई थी।

READ ALSO  पति के 498ए के तहत दोषी ठहराए जाने के बावजूद हाईकोर्ट ने तलाक मंजूर किया, पत्नी को गुजारा भत्ता देने से किया इनकार

याचिका में यह भी दावा किया गया कि रामभाऊ म्हलागी प्रबोधिनी भाजपा और आरएसएस से जुड़े हुए थे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसके अध्यक्ष थे।

Video thumbnail

विदेश मंत्रालय की ओर से भारत के उप सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सम्मेलन आयोजित करने के लिए ट्रस्ट को कोई फंड नहीं दिया है और इसलिए सरकारी खजाने पर कोई बोझ नहीं है।

मून की याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस एएस चांदुरकर और एमडब्ल्यू चंदवानी की खंडपीठ ने 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

READ ALSO  SARFAESI अधिनियम के तहत DRT 10 लाख रुपये से कम राशि के दावे पर विचार नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

सिविल20 लोगों की आकांक्षाओं को आवाज देने के लिए नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) को एक मंच प्रदान करने के लिए जी20 के आधिकारिक जुड़ाव समूहों में से एक है।

READ ALSO  HC Warns of Contempt action after Maharashtra govt doesn't respond to its query on land allotment for Disabled persons

Related Articles

Latest Articles