उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक्सपीरियन कैपिटल, गोमतीनगर, लखनऊ की आवासीय सोसाइटी में बार या किसी भी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को खोलने से रोकते हुए डेवलपर कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं। आयोग ने वादी पक्ष को ₹50,000 मुकदमे की लागत भी देने का आदेश दिया है।
पृष्ठभूमि
यह शिकायत श्रीमती प्रेमा सिन्हा और उनके पति द्वारा दर्ज की गई थी, जो एक्सपीरियन कैपिटल के टावर 3 के फ्लैट नं. 0203 में रहते हैं। शिकायत एक्सपीरियन डेवलपर्स प्रा. लि., एक्सपीरियन हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि., चिका लोका बाय सनी लियोनी, और लखनऊ विकास प्राधिकरण के विरुद्ध दायर की गई थी।
वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि स्वीकृत नक्शे में इनडोर बैडमिंटन कोर्ट और अन्य रिहायशी सुविधाओं के लिए निर्धारित स्थान को अवैध रूप से एक रेस्टोरेंट-कम-बार के लिए पट्टे पर दे दिया गया, जिससे निवासियों की शांति और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

वादकारियों का पक्ष
वादी ने कहा कि क्लब हाउस के डबल हाइटेड हॉल को “Chica Loca by Sunny Leone” नामक रेस्टोरेंट-कम-बार के लिए पट्टे पर देना स्वीकृत ले-आउट प्लान और अग्निशमन विभाग की एनओसी की शर्तों का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि यह कृत्य निम्नलिखित कानूनी प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है:
- रेरा अधिनियम, 2016 की धारा 14,
- उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट, 2010 की धारा 4(4), और
- यूपी आबकारी नियमावली, 1968 का नियम 5(4), जिसमें आवासीय क्षेत्र के निकट शराब की दुकान या बार खोलने की मनाही है।
वादी पक्ष ने मानसिक और शारीरिक पीड़ा, अनुचित व्यापार प्रथा, और अनुचित अनुबंध के लिए ₹15,00,000 और मुकदमे की लागत के लिए ₹1,25,000 की मांग की।
विपक्षी पक्ष का पक्ष
विपक्षी पक्ष ने दावा किया कि विवादित स्थल वाणिज्यिक क्षेत्र का हिस्सा है, न कि रिहायशी परिसर का। उन्होंने कहा कि यह एक मिश्रित उपयोग वाला प्रोजेक्ट है और पट्टा वैध रूप से नियोजित योजना के अनुसार दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह केवल फैमिली रेस्टोरेंट खोल रहे हैं, न कि बार।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह शिकायत समयबद्धता की सीमा से बाहर है और यह मामला पहले से ही रेरा और उच्च न्यायालय में लंबित है। साथ ही, उन्होंने पट्टेदार कंपनी को आवश्यक पक्ष बताया।
आयोग की टिप्पणियाँ
नक्शों का अवलोकन करने के बाद आयोग ने पाया कि 2017 और 2020 के स्वीकृत नक्शों में स्पष्ट रूप से आवासीय परिसर और वाणिज्यिक क्षेत्र अलग-अलग दर्शाए गए हैं। क्लब हाउस और इनडोर सुविधाएं केवल निवासियों के लिए थीं।
आयोग ने कहा:
“हमारे विचार में किसी भी आवासीय परिसर के हिस्से में रेस्टोरेंट-कम-बार नहीं खोला जा सकता। यह देखा गया है कि बिल्डर आवासीय फ्लैट बेचने के बाद वाणिज्यिक प्रयोग के लिए भूमि का मनमाने ढंग से प्रयोग करते हैं।”
आयोग ने स्पष्ट किया कि फायर एनओसी केवल आवासीय प्रयोग के लिए दी गई थी और बार खोलना अग्नि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन होगा। आयोग ने यह भी कहा कि यूपी की आबकारी नीति के अनुसार आवासीय क्षेत्र में बार खोलना वैध नहीं है।
समयबद्धता के प्रश्न पर आयोग ने कहा कि कारण का उत्पत्ति उस समय हुआ जब रेस्टोरेंट खोलने के लिए पट्टा निष्पादित किया गया, न कि नक्शा संशोधन के समय, अतः शिकायत समय के भीतर है।
रेरा और उच्च न्यायालय में लंबित मामलों के बारे में आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के Imperia Structure Ltd. बनाम अनिल पत्नी [(2020) 10 SCC 783] मामले का हवाला देते हुए कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दायर याचिका वैध है।
अंततः आयोग ने कहा:
“वादीगण वरिष्ठ नागरिक हैं और उन्हें सम्मानपूर्वक और शांतिपूर्वक जीवन जीने का संवैधानिक अधिकार है। जहां बार चलता है, वहां झगड़े भी होते हैं — और वरिष्ठ नागरिक ऐसे माहौल में नहीं रह सकते।”
अंतिम आदेश
- प्रतिवादी संख्या 1 और 2 को आवासीय परिसर/बैडमिंटन कोर्ट/क्लब हाउस क्षेत्र में किसी भी रेस्टोरेंट-कम-बार या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को खोलने या अनुमति देने से रोका जाता है।
- वादीगण को मुकदमे की लागत के रूप में ₹50,000 का भुगतान 30 दिनों के भीतर किया जाए।
प्रकरण शीर्षक: श्रीमती प्रेमा सिन्हा व अन्य बनाम एक्सपीरियन डेवलपर्स प्रा. लि. व अन्य
प्रकरण संख्या: उपभोक्ता शिकायत संख्या SC/9/CC/25/2025