उद्योगपति अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा उनके और रिलायंस कम्युनिकेशंस के खातों को ‘फ्रॉड’ घोषित करने के फैसले को बरकरार रखा गया था। मामला अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुआ है।
हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर को अंबानी की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है।
एसबीआई ने पिछले वर्ष इन खातों को ‘फ्रॉड’ की श्रेणी में रखा था, यह आरोप लगाते हुए कि ऋण शर्तों का उल्लंघन करने वाले लेन-देन के माध्यम से धन का दुरुपयोग किया गया। बैंक के अनुसार, कथित दुरुपयोग के कारण उसे ₹2,929.05 करोड़ का नुकसान हुआ।
अंबानी ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि एसबीआई ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया और उन्हें सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया। उनकी याचिका में कहा गया कि जिन दस्तावेजों के आधार पर यह वर्गीकरण किया गया, वे शुरुआत में उपलब्ध नहीं कराए गए और छह महीने बाद ही प्रदान किए गए।
इस बीच, एसबीआई ने इस वर्ष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सीबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़े परिसरों और अंबानी के आवास पर तलाशी ली। एजेंसी ने कहा कि यह शिकायत बैंक द्वारा लगाए गए उन आरोपों पर आधारित थी, जिनके अनुसार कथित दुरुपयोग से ₹2,929.05 करोड़ का नुकसान हुआ।

