इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक स्थानों से जाति उल्लेख हटाने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस रिकॉर्ड, वाहनों और सार्वजनिक नोटिस से जाति संबंधी सभी उल्लेख तुरंत हटाने का आदेश जारी किया है। यह निर्देश रविवार देर शाम सभी पुलिस इकाइयों और जिला प्रशासन को भेजा गया।

कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने स्पष्ट किया कि अब आरोपियों की जाति पुलिस रजिस्टर, केस मेमो, गिरफ्तारी दस्तावेजों या थानों के नोटिस बोर्ड पर दर्ज नहीं की जाएगी। इसके स्थान पर आरोपियों के पिता और माता दोनों के नाम दर्ज करने होंगे।

राज्य की क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) पोर्टल से भी जाति संबंधी कॉलम हटा दिया जाएगा। जब तक यह तकनीकी बदलाव नहीं होता, अधिकारियों को ऐसे कॉलम खाली छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

Video thumbnail

साथ ही, वाहनों पर जाति आधारित स्टिकर या नारे लिखने वालों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान काटे जाएंगे। कस्बों और गांवों में लगाए गए जाति-विशेष की पहचान बताने वाले बोर्ड और संकेतक भी तुरंत हटाने का आदेश दिया गया है।

READ ALSO  दिल्ली कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी मामले में अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ाई

सरकार ने जाति आधारित रैलियों और राजनीतिक उद्देश्यों वाले आयोजनों पर पूरे राज्य में प्रतिबंध लगा दिया है। सोशल मीडिया पर भी जाति गौरव या नफरत फैलाने वाली सामग्री की कड़ी निगरानी होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर इस नई नीति के प्रति जागरूक करने और “तत्काल एवं प्रभावी अनुपालन” सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट के 16 सितम्बर को दिए गए आदेश के अनुपालन में उठाया गया है। हाईकोर्ट ने प्रवीण छेत्री बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य मामले में पुलिस को आरोपियों की जाति दर्ज करने से रोकते हुए राज्य को निर्देश दिया था कि सार्वजनिक और डिजिटल स्थानों पर जाति के महिमामंडन पर रोक लगाई जाए।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट के डायमंड जुबली कार्यक्रम में पीएम मोदी ने डिजिटल कोर्ट 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट लॉन्च की

दीपक कुमार ने कहा, “यह निर्देश हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में जारी किया गया है और तुरंत प्रभावी होगा।”

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles