इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अब्बास अंसारी की उस पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख तय की है, जिसमें उन्होंने मऊ की एमपी-एमएलए अदालत द्वारा उनकी सजा के निलंबन से इनकार किए जाने को चुनौती दी है। अब्बास अंसारी माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।
न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ के समक्ष जब मामला पेश हुआ तो राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एम. सी. चतुर्वेदी ने मामले की तैयारी के लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
अब्बास अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मऊ जिले में एक जनसभा में दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में दोषी ठहराया गया था। एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) और धारा 189 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी देना) के तहत दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा और ₹2000 का जुर्माना लगाया था।

अंसारी की ओर से इस सजा के खिलाफ अपील मऊ की एमपी-एमएलए अदालत में दायर की गई, जिसके साथ उन्होंने सजा पर रोक लगाने की भी मांग की थी। हालांकि, अदालत ने 5 जुलाई को उनकी वह अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने अब हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है।
उक्त जनसभा के दौरान उनके चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी भी मंच पर मौजूद थे। उन्हें भी सह-अभियुक्त मानते हुए दोषी ठहराया गया और छह महीने की सजा सुनाई गई।