Allahabad High Courtने उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के नंद बाबा मंदिर में नमाज पढ़ने वाले आरोपी फैसल खान की कुछ शर्तों के साथ जमानत मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ ने आदेश देते हुए कहा है कि याची को सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने ,गवाहों पर प्रलोभन या अन्य तरीकों से दवाब न डालने, विचारण में सहयोग करने व सोशल मीडिया में फोटो वायरल न करने की शर्त लगाई है।
मथुरा के बरसाना थाना में 1 नवंबर 2020 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी । जिसमे आरोपी फैसल खान समेत अभियुक्त चाँद मोहम्मद पर मंदिर में बिना पुजारी के अनुमति के जबरन नमाज पढ़ने और उसका वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप लगा था। प्राथिमिकी में कहा गया कि यह हिंदुओं की आस्था को अपमानित करने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की नीयत से किया गया है। इस कार्य के लिए विदेश से फंडिंग हुई है।
Read Also
याची अधिवकता ने कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ता है उसे खुदायी खिदमतगार के रूप में जाना जाता है। वह विगत 25 वर्षों से साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने में जुटा हुआ है। वह मंदिर के अंदर नही गया है और पंडित की सहमति से मंदिर के बाहर नमाज पढ़ी। कोर्ट ने याची को सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने ,गवाहों पर प्रलोभन या अन्य तरीकों से दवाब न डालने, विचारण में सहयोग करने व सोशल मीडिया में फोटो वायरल न करने की शर्त पर जमानत मंजूर कर ली है।
आपको बता दें कि मथुरा के नंदभवन प्रांगण में नमाज अदा करने के मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी फैसल को दिल्ली के ओखला से गिरफ्तार किया था। दिल्ली की खुदाई खिदमतगार संस्था से जुड़ा फैसल खान अपने तीन अन्य साथियों के साथ ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा पर निकला था। 29 अक्टूबर को चारों नंदगांव स्थित नंदभवन पहुँचे । यहाँ सेवायतों से बताया कि वह साम्प्रदायिक सद्भावना का संदेश देने आए हैं । उन्होंने रामचरितमानस की चौपाई भी सुनाई उसके बाद चारों ने मंदिर परिसर में नमाज अदा की थी जिसकी फोटोग्राफ फेसबुक पर वायरल हो गई जिससे सेवायतों में आक्रोश था।