अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील से जुड़े ₹3,600 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत शर्तों में ढील देने की याचिका का प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कड़ा विरोध किया।
यह मामला न्यायमूर्ति स्वराणा कांत शर्मा की अदालत में पेश हुआ, जिन्होंने मामले की अगली सुनवाई 6 मई को तय की है। कोर्ट के निर्देश पर मिशेल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल से पेश किया गया और अगली सुनवाई पर भी उन्हें वर्चुअल माध्यम से पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
मिशेल ने अदालत से दो जमानत शर्तों में राहत मांगी है — ₹5 लाख की जमानती राशि में छूट और पासपोर्ट जमा कराने की बाध्यता से मुक्ति। उनके वकील अल्जो के. जोसेफ ने तर्क दिया कि मिशेल का पुराना पासपोर्ट समाप्त हो चुका है और नया पासपोर्ट बनने में 4 से 8 सप्ताह का समय लग सकता है।
ईडी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मिशेल एक विदेशी नागरिक हैं और भारत में उनकी कोई स्थायी जड़ें नहीं हैं। “आवेदक एक विदेशी नागरिक है और उसका भारत में कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। यदि वह स्थानीय जमानती नहीं देता, तो उसकी भारत में उपस्थिति सुनिश्चित करना असंभव होगा और वह देश से फरार हो सकता है,” ईडी ने कहा।
ईडी ने पासपोर्ट से जुड़े आग्रह पर भी आपत्ति जताई और सुझाव दिया कि यदि नया पासपोर्ट जारी होता है, तो उसे सीधे जांच अधिकारी या ट्रायल कोर्ट को सौंपा जाए ताकि उसके दुरुपयोग की संभावना समाप्त हो।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 मार्च को ईडी के मामले में मिशेल को जमानत दी थी, जबकि 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई के संबंधित मामले में राहत दी थी।
क्रिश्चियन मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से भारत लाया गया था और उन्हें सीबीआई तथा ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था। वह अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर शामिल तीन बिचौलियों में से एक हैं। अन्य दो हैं गुइडो हाश्के और कार्लो गेरोसा।
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, 8 फरवरी 2010 को हस्ताक्षरित इस सौदे से सरकारी खजाने को लगभग €398.21 मिलियन (करीब ₹2,666 करोड़) का नुकसान हुआ। ईडी ने 2016 में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा था कि मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड से लगभग €30 मिलियन (₹225 करोड़) की राशि मिली थी।
अब अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को करेगी।