आज छुट्टी के दिन इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ ने UP पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया है
मुख्य न्यायधीश के आदेश पर इस याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट बैठी थी।
यह याचिका परमात्मा नायक एवं 2 अन्य ने दाखिल की थी। इस याचिका में याची ने सरकार द्वारा जारी 26.03.2021 की आरक्षण सूची को निरस्त करने की माँग की गयी थी।
याची उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले के रहने वाले थे और उनका कहने था की उनके ज़िले में कोई भी अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति नहीं है, इसके बावजूद सरकार ने आरक्षण सूची में चावरियां बुजुर्ग, चावरियां खुर्द व महावर कोल ग्रामसभा सीट को आरक्षित घोषित कर दिया है। इसलिए आरक्षण को निरस्त करते हुए यचियों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।
मामले में याची की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता एचआर मिश्र, केएम मिश्र तथा राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन विहारी पांडेय, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता संजय कुमार सिंह व स्थायी अधिवक्ता देवेश विक्रम ने बहस की।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ जिसमें न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी शामिल थे, ने याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
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राज्य सरकार के वकील ने बहस की कि चुनाव की अधिसूचना राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी कर दी गयी है, अतः संविधान के अनुच्छेद 243ओ के अनुसार चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद कोर्ट चुनाव मे हस्तक्षेप नहीं कर सकती, इसलिए याचिका पोषणीय न होने के कारण खारिज किए जाने योग्य है।
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