केरल हाई कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा है कि सबरिमाला के श्रद्धालुओं को सिंथेटिक कुमकुम की बिक्री उसके पूर्व आदेशों के बावजूद जारी है, जिसे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जस्टिस राजा विजयाराघवन वी और जस्टिस के वी जयराजकुमार की पीठ ने कहा कि यह प्रतिबंध को दरकिनार करने का प्रयास प्रतीत होता है। अदालत ने प्रारंभिक दृष्टि से ‘आइडियल एंटरप्राइजेज’ नामक फर्म को मुख्य वितरक बताते हुए उसे नोटिस जारी किया है। साथ ही, केरल एनवायरो इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक लैब को भी नोटिस भेजा गया है, जिसके बारे में आरोप है कि उसने इस फर्म द्वारा वितरित कुमकुम बेचने वाले विभिन्न विक्रेताओं को प्रमाणपत्र जारी किए हैं।
अदालत ने दोनों पक्षों से 5 दिसंबर तक जवाब मांगा है।
यह आदेश उस समय आया जब एरूमेली ग्राम पंचायत ने अदालत को बताया कि उसके क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सिंथेटिक कुमकुम बेचा जा रहा है और इसे आइडियल एंटरप्राइजेज द्वारा वितरित किया गया है। पंचायत ने कहा कि यह पता लगाना संभव नहीं है कि कुमकुम प्राकृतिक स्रोत से बना है या रासायनिक रूप से तैयार किया गया है।
अदालत ने 7 नवंबर और 12 नवंबर के अपने आदेशों का जिक्र करते हुए दोहराया कि सन्निधानम क्षेत्र और आसपास की पंचायतों में किसी भी रूप में सिंथेटिक या रासायनिक रूप से तैयार कुमकुम का निर्माण, वितरण या बिक्री बिल्कुल अनुमति नहीं है।
पीठ ने कहा:
“किसी भी परिस्थिति में इसे अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रारंभिक तौर पर यह प्रतीत होता है कि इसका मुख्य वितरक ‘आइडियल एंटरप्राइजेज’ नामक फर्म है।”
अदालत ने फर्म और लैब दोनों को आदेश दिया है कि वे वितरण और प्रमाणन में अपनी भूमिका स्पष्ट करें। मामला अब 5 दिसंबर को अगली सुनवाई में फिर से लिया जाएगा।

