सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण सिफारिश की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने 2 दिसंबर, 2025 को हुई अपनी बैठक में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश (Permanent Judge) के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
वर्तमान में जस्टिस वर्मा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपर न्यायाधीश (Additional Judge) के रूप में कार्यरत हैं।
कॉलेजियम का निर्णय
कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा के कार्यकाल, उनके द्वारा पारित किए गए निर्णयों की गुणवत्ता और हाईकोर्ट के कामकाज में उनके योगदान का मूल्यांकन करने के बाद यह सिफारिश की है। कॉलेजियम ने पाया कि जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा स्थायी न्यायाधीश के पद के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं।
न्यायिक सफर
जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा मूल रूप से उच्च न्यायिक सेवा (Higher Judicial Service) से आते हैं। हाईकोर्ट की बेंच में पदोन्नत होने से पहले उनका करियर एक न्यायिक अधिकारी के रूप में विस्तृत रहा है:
- रजिस्ट्रार जनरल: न्यायाधीश बनने से पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के प्रशासनिक पद पर भी कार्य किया था।
- अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बाद, उन्होंने 23 जनवरी, 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
- जिला न्यायाधीश: उन्होंने विभिन्न जिलों में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में भी सेवाएं दी हैं।
नियुक्ति की प्रक्रिया
संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार, आमतौर पर हाईकोर्ट में न्यायाधीशों को पहले दो साल की अवधि के लिए ‘अपर न्यायाधीश’ के रूप में नियुक्त किया जाता है। इस अवधि के पूरा होने पर, यदि स्थायी रिक्तियां उपलब्ध होती हैं और न्यायाधीश का प्रदर्शन संतोषजनक पाया जाता है, तो सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उन्हें ‘स्थायी न्यायाधीश’ बनाने की सिफारिश करता है।
इस सिफारिश के बाद अब फाइल केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय को भेजी जाएगी, जिसके बाद भारत की राष्ट्रपति द्वारा उनकी स्थायी नियुक्ति का वारंट जारी किया जाएगा।

